The Principal

प्रधानाचार्य की कलम से... ✍️
 
प्रताप नारायण संस्कृत महाविद्यालय बौंसी अपने शिक्षण स्तर, लब्धप्रतिष्ठ विद्वान प्राचार्यों तथा चरित्रवान एवं मेधावी विद्यार्थियों की गौरवपूर्ण विरासत के लिए प्रसिद्ध रहा है। विद्यार्जन एवं सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के लिए भारत की प्राचीन परंपरा एवं संस्कृति को आधुनिकता के साथ समायोजित करने वाले बिहार राज्य के इस परंपरागत  संस्कृत महाविद्यालय बौंसी में  विद्याध्ययन करने वाले आप सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की  मैं कामना करता हूँ।  आप अपने शिक्षण काल में घट रहे बहुमूल्य समय के प्रतिपल का सही उपयोग करें और अपने लक्ष्य की दिशा में प्रतिबद्ध रहें। ज्ञान की उपासना में लगे रहें और समृद्धि कीऊंचाई को प्राप्त करें । इस संस्थान में आपका आगमन सामान्य जीवनयापन की सीख लेने भर के लिए नहीं अपितु एक निश्चित उदात्त उद्देश्य एवं मानवतावादी दृष्टिकोण को आत्मसात करने के लिए हुआ है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप शिक्षणोपरांत न सिर्फ अपना बल्कि अपने समाज एवं देश का गौरव बढ़ाते हुए इस महाविद्यालय का भी मान बढ़ाएंगे।
 
“उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ।।’’
अर्थात- उदार चरित्रवालों के लिए समस्त संसार ही परिवार है ।
 नहि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते ।।
अर्थात- ज्ञान के समान इस संसार में और कुछ पवित्र नही ।