प्रताप नारायण संस्कृत महाविद्यालय को राजा प्रताप नारायण द्वारा 13 जनवरी 1911 को स्थापित किया गया था। यह कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के तहत एक घटक इकाई है।

प्रधानाचार्य

डॉ. प्रकाश चंद्र यादव

परिचय

प्रताप नारायण संस्कृत महाविद्यालय को राजा प्रताप नारायण द्वारा 13 जनवरी 1911 को स्थापित किया गया था।

महाविद्यालय सदस्य

महाविद्यालय सदस्य विद्यालय या कॉलेज के शिक्षक, छात्र और कर्मचारियों को संदर्भित करता है। यह शब्द विद्यालयी समुदाय की सदस्यता का संकेत करता है और सदस्यों के बीच आपसी समझ, संवाद, और सहयोग को बढ़ावा देता है।

माननीय कुलपति

प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय

Introducation

Pratap Narayan Sanskrit Mahavidyalaya was established on January 13,1911 by Raja Pratap Narayan.It is a constituent unit under Kameshwar Singh Darbhanga Sanskrit University. Darbhanga(Bihar). It is situated near Mandar Hill,which has a past religions significance.

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उद्यमेनहिसिध्यन्तिकार्याणि न मनोरथैः ।।

कार्य परिश्रम करने से पूर्ण होता है , मनोरथ करने से नहीं ।

दैवेनदेयमितिकापुरुषावदन्ति ।।

भाग्य के भरोसे कायर पुरुष रहते हैं

यत्नेकृते यदि न सिध्यतिकोऽत्रदोषः ।।

यदि प्रयत्न करने पर भी सफलता न मिले ता देखना चाहिए कि दोष कहाँ है ?

सर्वेभवन्तुसुखिन: सर्वेसन्तुनिरामया: ।

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुः खभाग्भवेत।

सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय कथाओं के साक्षी और किसी को भी दुःख का भागी ना होना पड़े।

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